Rehabilitation Council
in India 1992
भारत की पूनर्वास परिषद 1992
Introduction :-
यूँ तो भारत में शरीरिक बाधित हेतु सम्मलित शिक्षा पर 1970
ई० से ही जोर डाला गया जिसके अंतर्गत
असमर्थ या असक्षम बालकों एवं व्यक्तियों को सहायता प्रदान कर उनका आर्थिक, सामाजिक विकास किया जा सके | परन्तु भारत में
भारतीय पुनर्वास परिषद को एक पंजीकृत संस्थान के रूप में वर्ष 1986 में स्थापित
किया गया | जिसे भरतीय संसदीय समिति द्वारा 1992 में
अधिनियमित किया गया | एक स्वायत्ताताशाली संस्थान के रूप में इसकी
स्थापना जून 1993 में की गयी| इसे अधिक व्यापक बनाने के लिए डान्सड द्वारा
सन्न 2000 में भारतीय पुनर्वास परिषद अधिनियम में संशोधन किया गया | जिसके अंतगत पुनर्वास और विशिष्ट शिक्षा के क्षेत्र में कर्मियों और व्यवसायियों के प्रशिक्षण के
मानकीकरण व नियमण की जिम्मेदारी परिषद को दी गई |
भारतीय पुनर्वास परिषद की विशेष भूमिका बाधित लोगो के लिए उच्च गुणवत्ता
सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए व्यवसायियों की विभिन्न श्रेणी के लिए प्रशिक्षण
पाठ्यक्रम को विसकसित करना, वर्तमान पाठ्यक्रम को संशोधित करना, तथा अनेक (बाधितों ) के
विकास के लिए नए कार्यक्रमों को ग्रहण करना|
भारतीय पुनर्वास परिषद्
के कार्य :-
1 दिव्यांग व्यक्तियों के पुनर्वास के क्षेत्र में
प्रशिक्षण नीतियों और कार्यक्रमों का नियमन करना
2 दिव्यांग
व्यक्तियों के साथ काम करने वाले व्यवसायियों के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार
करना
3 व्यवसायियों के
विभिन्न श्रेणी के लिए प्रशिक्षण के न्यूनतम मानक तैयार करना
4 देश के सभी
प्रशिक्षण संस्थाओं में दमान मनको का नियमन करना
5 उन संस्थाओं को मान्यता
देना जो दिव्यांग व्यक्तियों के पुनर्वास के क्षेत्र से विभिन्न पाठ्यक्रम के
आयोजित करते हैं |
6 केंद्रीय
पुनर्वास पंजीकरण निम्न श्रेणी के तहत व्यवसायीयों का पंजीकरण करती हैं |
(a) श्रवण वैज्ञानिक एवं भाषा चिकित्षक
(b) नैदानिक मनोविज्ञानिक
(c) पुनर्वास इंजीनियर एवं तकनीशियन
(d) दिव्यांग के साथ
रहने वाले अन्य कर्मी एवं पदाधिकारी
(e) दिव्यांग की
शिक्षा व प्रशिक्षण के लिए विशेष अध्यापक
(f) बहुउद्देशीय
पुनर्वास चिकित्सा
(g) सामाजिक पुनर्वास
कार्यकर्ता
(h) मांसिक मंदता में
पुनर्वास चिकत्सक
(i) अभिविन्यास और
गतिशीलता विसेस्य
(j) पुनर्वास परामर्श
दाता
(k) पुनर्वास
कार्यक्रम प्रबन्धक
7 भारतीय और
बिदेशी संस्थाओ के बिकलांग लोगो के पुनर्वास के क्षेत्र में प्रशिक्षण और पुनर्वास
की समुचित जानकारी एकत्र करना |
8 दिव्यांगता के
क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओ या संगठनों के साथ सहयोग और प्रोत्साहन
9 मानव शक्ति
विकास केंद्र के रूप में व्यवसायिक पुनर्वास की संस्थापना
10 विशिष्ट शिक्षा
और पुनर्वास के क्षेत्र में अनुसन्धान को बढ़ावा देना |
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