इस सीरीज को देखने के लिए यहाँ क्लिक करें 👇

      

 Latest Podcast Discussion

Click to this Banner for Listen


 

Language

Tuesday, May 18, 2021

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) (Rastrya Madhyamik Shiksha Abhiyan)


 राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA)


राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1968 में पूरे देश में 10+2+3 शिक्षा संरचना लागू करने की घोषणा की गई। थी। कुछ राज्यों ने इसे लागू भी कर दिया था परन्तु इस दिशा में सही कदम नहीं उठाए गए राष्ट्रीय नीति के 20 वर्ष बाद भी सरकार इस शिक्षा संरचना के दर्शन को ही नहीं समझ सकी, और यदि समझ सकी थी तो उसको अनदेखा करती रही। इस शिक्षा संरचना के पीछे प्रथम 10 वर्षीय शिक्षा को समान, अनिवार्य एवं निःशुल्क करने का दर्शन सरकार को 2007 में समझ में आया।


15 अगस्त 2007 को देश के प्रधानमंत्री ने अपने लाल किले पर दिए गए भाषण में माध्यमिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण (Universalization) की घोषणा की। इसके तुरन्त बाद केन्द्रीय सरकार ने मार्च, 2009 में प्राथमिक स्तर के सर्व शिक्षा अभियान की तरह माध्यमिक स्तर पर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) शुरू किया। इसके लिए प्रत्येक प्रान्त में राज्य स्तर पर राज्य माध्यमिक अभियान समिति का गठन किया गया है और जिला स्तर पर जिला माध्यमिक शिक्षा अभियान समिति का गठन किया गया है। जिला माध्यमिक शिक्षा अभियान समितियों जिले स्तर पर योजना तैयार कर राज्य माध्यमिक शिक्षा अभियान समिति के पास भेजती है और राज्य माध्यमिक शिक्षा अभियान समितियाँ उन्हें वरीयता क्रम में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान समिति के पास भेजती हैं। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान समिति उन्हें वरीयता क्रम में अनुदान देती है। यह योजना कई राज्यों में लागू कर दी गई है।


वित्त व्यवस्था :


यह योजना केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा चलाई जाने वाली साझा योजना है। यह योजना 11वीं पंचवर्षीय योजना (2007-12) में प्रारम्भ की गई थी तथा वर्तमान 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012 17) में जारी है। इस योजना के दौरान केन्द्र एवं प्रान्तीय सरकार 75:25 के अनुपात में व्यय वहन कर रही हैं। विशेष श्रेणी (पूर्वोत्तर क्षेत्र) के राज्यों के लिए यह अनुपात 90:10 है। केन्द्र शाषित प्रदेशों, और जम्मू कश्मीर प्रान्त में सम्पूर्ण व्यय केन्द्रीय सरकार वहन कर रही है।


राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के लक्ष्य :


इस अभियान के मुख्य लक्ष्य है

  1. 2017 तक 15-16 वर्ष आयु वर्ग के शत प्रतिशत बच्चों को माध्यमिक शिक्षा (कक्षा 9 एवं कक्षा 10) सुलभ करना और
  2. 2020 तक शत प्रतिशत बच्चों को माध्यमिक शिक्षा पूरी करने हेतु रोके रखना।

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की अभियोजनाएँ:


इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए निम्नलिखित अभियोजनाएं बनाई गई है।

  1. ऐसे उच्च प्राथमिक विद्यालयों, जिनके अपने भवन हैं और जिनमें विस्तार के लिए खाली भूमि है, उनमें चार अतिरिक्त पढ़ाई कक्ष एवं आवश्यक प्रयोगशालाओं का निर्माण कराकर और उनमें आवश्यकतानुसार शिक्षकों की नियुक्ति करके, उन्हें माध्यमिक विद्यालयों में समुन्नत किया जाएगा.
  2. ऐसे माध्यमिक विद्यालयों, जिनके अपने भवन हैं और जिनमें विस्तार के लिए खाली भूमि है, उनमें अतिरिक्त पढ़ाई कक्ष व प्रयोगशालाओं का निर्माण कराकर और आवश्यकतानुसार शिक्षकों की नियुक्ति करके, उनकी प्रवेश क्षमता बढ़ाई जाएगी।
  3. जहाँ 5 किमी. की पहुंच के अन्दर कोई माध्यमिक विद्यालय नहीं हैं, वहाँ माध्यमिक विद्यालय खोले जाएंगे और जहाँ 7 किमी. की पहुंच के अन्दर कोई उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नहीं है, वहाँ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खोले जाएंगे। साथ ही प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम एक आदर्श माध्यमिक विद्यालय (Model School) खोला जाएगा।
  4. यह भी निर्णय लिया गया है कि इस अभियान के अन्तर्गत अनुसूचित जाति (SCs), अनुसूचित जनजाति (STs) एवं अल्पसंख्यकों (Minorities) के बच्चों एंव लड़कियों को माध्यमिक शिक्षा की ओर आकर्षित करने के लिए विशेष प्रयत्न किए जाएंगे।
  5. यह भी निर्णय लिया गया है कि इस अभियान के अन्तर्गत माध्यमिक शिक्षा के विस्तार के साथ-साथ उसमें गुणात्मक उन्नयन किया जाएगा।


राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान द्वारा किए जा रहे कार्य :


 माध्यमिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण का अर्थ है- 16 से 18 आयु वर्ग के शत प्रतिशत बच्चों को माध्यमिक शिक्षा सुलभ कराना, उनका विद्यालयों में नामांकन कराना, उन्हें विद्यालयों में रोके रखना और उन्हें कक्षा 10 उत्तीर्ण कराना। इन चारों लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान निम्नलिखित कार्यों का सम्पादन कर रहा है


  1. शत प्रतिशत सुविधा (Cent Percent Opportunity or Universal Access) : 

इस हेतु जहां 5 किमी की दूरी के अन्दर कोई माध्यमिक विद्यालय नहीं है वहाँ माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की जा रही है और जहाँ 7 किमी. की दूरी के अन्दर कोई इस हेतु जहां 5 किमी की दूरी के अन्दर कोई माध्यमिक विद्यालय नहीं है वहाँ माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की जा रही है और जहाँ 7 किमी. की दूरी के अन्दर कोई उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नहीं है वहाँ उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की जा रही है। माध्यमिक विद्यालयों के भौतिक संसाधन जैसे अतिरिक्त कक्षाकक्ष, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, आर्ट एण्ड क्राफ्ट कक्ष, शौचालय, पीने के पानी की सुविधा टेलीफोन, इंटरनेट उपलब्ध कराए जा रह है। इसके साथ ही अनुसूचित जाति (SCS), अनुसूचित जनजाति (STs) एवं अल्पसंख्यकों (Minorities) वाले क्षेत्रों में विद्यालय खोलने को प्राथमिकता दी जा रही है।


2. शत प्रतिशत नामांकन (Cent Percent Enrollment or Universal Enrollment) : 


नामांकन बढ़ाने के लिए अधिकार और कर्तव्यों की व्यवस्था की गई है। और साथ ही समाज के कमजोर वर्गों के नामांकन के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।


3. शत प्रतिशत धारण (Cent Percent Retention or Universal Retention) : 


बच्चों को विद्यालय में रोके रखने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं, उन्हें बीच में विद्यालय छोड़कर न जाने देने के भी प्रयास किए जा रहे है। इसके लिए 

(1) नए शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है जिससे शिक्षक छात्र अनुपात 1:30 हो सके।

(2) विज्ञान, गणित और अंग्रेजी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

(3) शिक्षकों के लिए सेवाकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे है।

(4) विज्ञान प्रयोगशालाओं का निर्माण किया जा रहा है।

(5) सूचना संचार प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है।

(6) पाठ्यक्रम सुधार किया जा रहा है। तथा 

(7) शिक्षण अधिगम में सुधार किया जा रहा है। और साथ ही शिक्षिकाओं की नियुक्ति को प्राथमिकता दी जा रही है।


4. शत प्रतिशत सफलता : 


इस हेतु केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) में दर्जा 10वीं की बोर्ड परीक्षा वैकल्पिक कर दी गई है। इसके अन्तर्गत जो बच्चे आन्तरिक परीक्षा देना चाहें वे आन्तरिक परीक्षा दे सकते हैं और जो बोर्ड परीक्षा देना चाहें वे बोर्ड परीक्षा दे सकते हैं। अब सबके उत्तीर्ण होने का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।


राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की उपलब्धियाँ :


राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अन्तर्गत 31.03.2013 तक 22 राज्यों में 2,266 आदर्श विद्यालय स्वीकृत कर दिए गए थे। इसके अतिरिक्त 2010-2011 में इस योजना के अन्तर्गत 2368 स्कूलों का उन्नयन किया गया या नए स्कूल खोले गए । साथ ही 12206 स्कूलों में आवश्यकतानुसार अतिरिक्त सुविधाओं का निर्माण कराया गया जैसे कहीं अतिरिक्त कक्षाकक्ष का और कहीं विज्ञान प्रयोगशाला का अथवा किसी अन्य सुविधा का।

No comments:

Post a Comment

"Attention viewers: Kindly note that any comments made here are subject to community guidelines and moderation. Let's keep the conversation respectful and constructive. Do not add any link in comments. We are also Reviewing all comments for Publishing. Thank you for your cooperation!"

POPULAR TOPIC

LATEST VIDEO