गुणवत्ता शिक्षा के सूचक :-
हमने पिछले पोस्ट में समझे थे की गुणवत्ता शिक्षा की परिभाषा को और उनके आधार को उसके साथ हमने समझा था कि गुणवत्ता शिक्षा की दक्षताएँ को। उसी सभी उपर्युक्त विचारों के अनुसार गुणवत्ता प्रधान शिक्षा की रूप रेखा निम्नलिखित क्षेत्र में विभाजित की जा सकती हैं। इन्हें गुणवत्ता के सूचक (Indicators) भी कहा जा सकता हैं।
01. भौतिक संसाधन (Physical Resources)
02. प्रक्रिया (Process)
03. मानव संसाधन (Human Resources)
04. विषयवस्तु (Content)
05. तकनीक (Technology)
01. भौतिक संसाधन (Physical Resources):-
शिक्षा की गुणवत्ता के लिए विद्यालय अनुदान का आदेश विद्यालय को हरा भरा एवं आकर्षक बनाने में किया जाय ताकि बच्चे सहज और तनावमुक्त महसूस सकें। विद्यालय गतिविधियों प्रभावी बनाने के लिए कंप्यूटर शिक्षण को सार्थक करने के उद्देश्य से सभी विद्यालयों का विधुतीकरण किये जाने की भी आवयश्कता हैं।
02. प्रक्रिया (Process):-
कक्षा 1 एवं 2 के सभी बच्चो में बुनियादी साक्षरता एवं अंकीय कौशल को विकसित करने एवं गुणवत्ता शिक्षा के उद्देश्य से LEP के अंतर्गत प्रत्येक जिलों में प्रारम्भिक पठन कौशल विकास कार्यक्रम क्रियान्वित किया गया हैं। अध्यापक प्रशिक्षण अध्यापक अनुदान एवं REMS में उपलब्ध वित्तीय संसाधन LEP में एकीकृत कर दिए गए हैं। पढ़ने के तरीकें हेतु अध्यापक प्रशिक्षण पर होने वाल व्यय शिक्षक अनुदान मद्द से किया गया हैं। पर्यावरण निर्माण पुस्तक मेला, कहानी लेखन , व कार्यक्रमों का निरिक्षण एवं पर्यवेक्षण सम्बन्धी व्यय REMM मद से वहां किया जाएगा।
03. मानव संसाधन (Human Resources):-
सेवाकालीन शिक्षक प्रशिक्षण - अध्यापकों एवं BRC एवं NPRC समन्यवयकों की क्षमता निर्माण हेतु जिला एवं ब्लॉक स्टार पर कई प्रशिक्षण कार्यक्रम, कार्यशाला एवं परिचर्चाएँ आयोजित की गयी जिसमें शिक्षण की सृजनात्मक प्रणाली को ध्यान में रखा गया हैं। इन ज्ञान का उपयोग शिक्षक बच्चों को कक्षा के अंदर व बाहर की गतिविधियों एवं जीवन के अनुभवों के आधार पर अन्य ज्ञान के सृजन में कर सकते हैं।
04. विषयवस्तु (Content):-
शिक्षा में गुणवत्ता के संवर्धन हेतु NCF -2005 के प्रकाशन में सम्पूर्ण पाठ्यक्रम को संशोधित कर इस में विद्यार्थी केंद्रित अधिगम को महत्व दिया गया हैं। इसके पाठ्यक्रम पाठ्यपुस्तक विकास एवं अभ्यास पुस्तिकाओं में गुणवत्ता सम्बन्धी आयामों में परिवर्तन हुआ हैं। जिससे गुणवत्ता परशान संशोधन प्रक्रिया और गहन हो जाएगी।
05. तकनीक (Technology):-
तकनिकी का प्रयोग शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को लचीला और बालकेन्द्रित बनता हैं साथ ही शिक्षण प्रिक्रिया में एक नया आयाम जोड़ता हाँ। कम्प्यूटर अधिगम प्राप्ति का एक माध्यम हैं जो स्वयं केंद्रित अधिगम हेतु प्रेरित करता हैं। कंप्यूटर को प्रभावी अधिगम माध्यम के रूप में बढ़ावा देने के लिए उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कंप्यूटर उपलब्ध कराये गए हैं। इसको पढ़ने वाले अध्यापकों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 40 दिनों का प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया।
गुणवत्ता शिक्षा के लिए उपुक्त पांच स्तम्भों पर आश्रित समग्र एवं व्यापक गतिविधियों के युक्त एक योजन बनाने की आवयश्कता हैं। इससे शिक्षा अध्यापक केंद्रित होने की जगह बालकेन्द्रित एवं गतिविधि आधारित होगी जिससे बच्चों किन शिक्षा ख़ुशी खुसी व तनावमुक्त वातावरण में होगी।
** गुणवत्ता शिक्षा हेतु कुछ आयामों की आवयश्कता होती हैं जो निम्नलिखित हैं :-
01. आकलन (Assessment)
02. स्वयत्तयता (Autonomy)
03. जवाबदेही (Accountability)
04. शिक्षक पर ध्यान (Attention to Teacher)
05. पूर्व बाल्यकाल विकास पर ध्यान (Attention to Early Childhood)
06. संस्कृति पर से ध्यान (Attention to Culture)
No comments:
Post a Comment
"Attention viewers: Kindly note that any comments made here are subject to community guidelines and moderation. Let's keep the conversation respectful and constructive. Do not add any link in comments. We are also Reviewing all comments for Publishing. Thank you for your cooperation!"