ज़िंदगी एक भ्रम
ज़िंदगी कई भ्रमों का होना और उन भ्रमों का टूटना है । साइंस का विद्यार्थी होते हुए भी एक बचपन से फ़ोर्मुला से नफ़रत थी । सब कुछ फ़ोर्मुला नहीं हो सकता - यही सोच ज़िंदगी हर एक इंच आगे बढ़ते रही ।
कई बार ऐसा हुआ की जब मंज़िल पर पहुँचा तो पाया की यह सफ़र भी एक फ़ोर्मुला है । लेकिन मैंने कभी भी शुरुआत फ़ोर्मुला को ध्यान रख नहीं किया । फ़िज़िक्स के प्रॉब्लम को सॉल्व किया तो इस लिए नहीं किया की - कोई परीक्षा मुझे पास करना - इसलिए किया की जिस क्षण फ़िज़िक्स के प्रॉब्लम को सॉल्व किया उस वक़्त मेरी अंतरात्मा को ख़ुशी हुई ।
यह महज़ एक उदाहरण दिया हूँ ।
सबसे बड़ी त्रासदी यह रही कि - मानव स्वभाव की प्रतिक्रिया को भी एक फ़ोर्मुला के अंदर देखा । यह ज्ञान मेरे लिए वीभत्स था । इस नए ज्ञान ने अंदर तक झकझोर दिया ।
ज़िंदगी दो फ़िलोस्फी पर चल ही नहीं सकती - यह अपने आप में सबसे बड़ा सत्य है । या तो आप फ़ोर्मुला अपना कर आगे बढ़े या फिर उसी ढंग में जिए जिस ढंग में आजतक जीते आए हैं - बग़ैर फ़ोर्मुला के - कष्ट है लेकिन आत्मा को तसल्ली है ।
लेकिन मैं यह भी नहीं कह सकता की जो फ़ोर्मुला के साथ जीते हैं - उनके आत्मा को तसल्ली नहीं मिलती है - उनकी आत्मा को भी तसल्ली मिलती होगी - लेकिन वैसा करने से मेरी आत्मा को तसल्ली नहीं मिलेगी ।
Mr. Sumit Karn
ज़िंदगी कई भ्रमों का होना और उन भ्रमों का टूटना है । साइंस का विद्यार्थी होते हुए भी एक बचपन से फ़ोर्मुला से नफ़रत थी । सब कुछ फ़ोर्मुला नहीं हो सकता - यही सोच ज़िंदगी हर एक इंच आगे बढ़ते रही ।
कई बार ऐसा हुआ की जब मंज़िल पर पहुँचा तो पाया की यह सफ़र भी एक फ़ोर्मुला है । लेकिन मैंने कभी भी शुरुआत फ़ोर्मुला को ध्यान रख नहीं किया । फ़िज़िक्स के प्रॉब्लम को सॉल्व किया तो इस लिए नहीं किया की - कोई परीक्षा मुझे पास करना - इसलिए किया की जिस क्षण फ़िज़िक्स के प्रॉब्लम को सॉल्व किया उस वक़्त मेरी अंतरात्मा को ख़ुशी हुई ।
यह महज़ एक उदाहरण दिया हूँ ।
सबसे बड़ी त्रासदी यह रही कि - मानव स्वभाव की प्रतिक्रिया को भी एक फ़ोर्मुला के अंदर देखा । यह ज्ञान मेरे लिए वीभत्स था । इस नए ज्ञान ने अंदर तक झकझोर दिया ।
ज़िंदगी दो फ़िलोस्फी पर चल ही नहीं सकती - यह अपने आप में सबसे बड़ा सत्य है । या तो आप फ़ोर्मुला अपना कर आगे बढ़े या फिर उसी ढंग में जिए जिस ढंग में आजतक जीते आए हैं - बग़ैर फ़ोर्मुला के - कष्ट है लेकिन आत्मा को तसल्ली है ।
लेकिन मैं यह भी नहीं कह सकता की जो फ़ोर्मुला के साथ जीते हैं - उनके आत्मा को तसल्ली नहीं मिलती है - उनकी आत्मा को भी तसल्ली मिलती होगी - लेकिन वैसा करने से मेरी आत्मा को तसल्ली नहीं मिलेगी ।
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